होली : एक नया रंग
होली : एक नया रंग वसंत ऋतु आते ही होली के त्यौहार को मनाने के लिए हम सबके मन में उमंगे, तरंगे जवान हो जाती हैं ।होली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी को पसंद है क्योंकि यह न केवल रंगों का त्योहार है अपितु इसके परोक्ष मे भी बहुत सी मान्यताएं एवं धार्मिकता, वैज्ञानिकता छिपी हुई है। हिंदू धर्म में लगभग प्रत्येक त्यौहार अपने आप में अनूठा है और अपने साथ धर्म,लोक संस्कृति, लोक कला, रीति रिवाज एवं नैतिक परंपरा, प्रेम व सौहार्द को लेकर आता है ताकि इन त्योहारों के माध्यम से हम एक दूसरे के साथ रहना सीखें, एक दूसरे की खुशी में शरीक होना सीखे। पूर्व में जो कुछ भी मनमुटाव हो गया है वह इन त्योहारों के मौके पर भूलकर एक दूसरे को गले लगाएं। वास्तव में हमारे मनीषियों ने इन त्यौहारों को सबके साथ मिलकर मनाने के लिए बहुत दूर दृष्टि का परिचय दिया तथा सामूहिक रूप से त्यौहार मनाने को अधिक महत्ता प्रदान की। होली आने में कुछ ही दिन बाकी है तो आइए हम इसके एक और रंग , इसके पौराणिक महत्व के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। इस पर्व का प्राचीनतम नाम वासन्ती नव सस्येष्टि है अर्थात् बसन्त ऋतु के