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Showing posts from December, 2020

शिक्षक

एक बड़े  उद्योगपति शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे-  "देखिए! बुरा मत मानिए !  लेकिन जिस तरह से आप काम करते हैं;  जिस तरह से आपके संस्थान चलते हैं यदि मैं ऐसा करता तो अब तक मेरा बिजनेस डूब चुका होता ।"  चेहरे पर सफलता का दर्प साफ दिखाई दे रहा था !  "समझिए ! आपको बदलना होगा;  आपके राजकीय संस्थानों को बदलना होगा; आप लोग आउटडेटेड पैटर्न पर चल रहे हैं;  और सबसे बड़ी समस्या आप शिक्षक स्वयं हैं, जो किसी भी परिवर्तन के विरोध में रहते हैं  !" "हमसे सीखिए ! बिजनेस चलाना है तो लगातार सुधार करना होता है किसी तरह की चूक की कोई गुंजाइश नहीं !" प्योर अंग्रेजी में  चला उनका भाषण समाप्त हुआ... .. तो प्रश्न पूछने के लिए एक शिक्षिका का हाथ खड़ा था..! "सर ! आप दुनिया की सबसे अच्छी कॉफी बनाने वाली कंपनी के मालिक हैं ।   एक जिज्ञासा थी  कि आप कॉफी के कैसे बीज खरीदते हैं..? " उद्योगपति का गर्व भरा ज़वाब था-  *"एकदम सुपर प्रीमियम! कोई समझौता नहीं..!"  शिक्षिका ने फिर पूछा:- "अच्छा मान लीजिए आपके पास जो माल भेजा जाए उसमें कॉफी के बीज *घटिय

एक माँ की जाति

एक माँ की जाति? तरस आता है मुझे उन लोगों पर जो एक मां से उसकी जाति पूछते हैं ?एक मां जो चारों जातियों का निर्वाह एक साथ करती है, उसके लिए कितना भी नमन किया जाए वह कम है। इसीलिए तो हर किसी के ऋण से उऋण हुआ जा सकता है, परंतु एक मां के ऋण से कभी भी उऋण नहीं हुआ जा सकता क्योंकि,   एक मां है जो खुद मिट कर बच्चों को बनाती है ,  क्योंकि पत्थर पर पिस कर ही तो हिना रंग लाती है।  इसीलिए इस संदर्भ में एक छोटा सा वक्तव्य प्रस्तुत है कि किस तरह से लोग एक मां से उसकी जाति पूछते हैं और जवाब में किस तरह से एक माँ ( एक स्त्री) जवाब देती है। उसने पूछा तेरी जाति क्या है?  मैंने भी पूछा : एक मां की या एक महिला की ..? उसने कहा - चल दोनों की बता ..  और कुटिल मुस्कान बिखेरी । मैंने भी पूरे धैर्य से बताया....... एक महिला जब माँ बनती  है तो वो जाति विहीन हो जाती है.. उसने फिर आश्चर्य चकित होकर पूछा - वो कैसे..? मैंने कहा ..... जब एक मां अपने बच्चे का लालन पालन करती है,  अपने बच्चे की गंदगी साफ करती है ,  तो वो शूद्र हो जाती है.. वो ही बच्चा बड़ा होता है तो मां बाहरी नकारात्मक ताकतों से उसकी रक्षा करती है, तो वो