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सनातन गिनती

सुप्रभात सत्य सनातन धर्म अपने आप में बहुत विशाल है। जहां से हम गिरना प्रारंभ करते हैं वहीं से इसकी विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। (यहां यह कहना उचित नहीं होगा कि इसका आरंभ यह से होता है क्योंकि इसके आदि और अंत के बारे में कुछ भी कहना अतिशयोक्ति होगी) उसी गिनती में ही उसकी भव्यता, इसकी विशिष्टता , इसकी प्रमाणिकता ,वैज्ञानिकता ,अनंतता का अंदाजा लगाया जा सकता है।   प्रस्तुत तथ्य का प्रमाण निम्न है..... सनातन धर्म की प्रमुख मान्यताएँ दो लिंग : नर और नारी । दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)। दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन। तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर। तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी। तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल। तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण। तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु। तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत। तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा। तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव। तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी। तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान। तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना। तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।

हिन्दू धर्म

हमारे हिंदू धर्म में जो भी मान्यताएं, है  रीति रिवाज हमारे बुजुर्गों द्वारा ऋषि-मुनियों द्वारा बनाए गए हैं उनके पीछे बहुत बड़े वैज्ञानिक तर्क हैं। यह तर्क पूर्णतया प्रामाणिक है। हमारे ऋषि-मुनियों ने यह सब कुछ बहुत पहले ही सोच लिया था और उन्हें धर्म के साथ जोड़ दिया गया ताकि हम आस्था और ईश्वर के नाम पर इन रीति-रिवाजों का पालन करें ।आइए इन्हीं में से कुछ उदाहरण देखते हैं। एक गोत्र में शादी क्यूँ नहीं.. ================       वैज्ञानिक कारण..!       =========== एक दिन डिस्कवरी पर   जेनेटिक बीमारियों से      सम्बन्धित एक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम था          उस प्रोग्राम में एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा की   जेनेटिक बीमारी न हो   =============   इसका एक ही इलाज है   ============== और वो है           "सेपरेशन ऑफ़ जींस"           ============= मतलब अपने नजदीकी रिश्तेदारो में   विवाह नही करना चाहिए क्योकि नजदीकी रिश्तेदारों में जींस सेपरेट (विभाजन) नही हो पाता और जींस लिंकेज्ड बीमारियाँ जैसे हिमोफिलिया, कलर ब्लाईंडनेस, और एल्बोनिज्म होने की 100% चांस होती है ..