सनातन गिनती
सुप्रभात सत्य सनातन धर्म अपने आप में बहुत विशाल है। जहां से हम गिरना प्रारंभ करते हैं वहीं से इसकी विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। (यहां यह कहना उचित नहीं होगा कि इसका आरंभ यह से होता है क्योंकि इसके आदि और अंत के बारे में कुछ भी कहना अतिशयोक्ति होगी) उसी गिनती में ही उसकी भव्यता, इसकी विशिष्टता , इसकी प्रमाणिकता ,वैज्ञानिकता ,अनंतता का अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रस्तुत तथ्य का प्रमाण निम्न है..... सनातन धर्म की प्रमुख मान्यताएँ दो लिंग : नर और नारी । दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)। दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन। तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर। तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी। तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल। तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण। तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु। तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत। तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा। तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव। तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी। तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान। तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना। तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।