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Showing posts from October, 2020

हवन का वैज्ञानिक महत्व

🌷हवन का वैज्ञानिक महत्व है  और प्रदूषण समस्या का उपाय।  -------------------------------     हिन्दू सनातन धर्म में पूजा का सबसे अच्छा मार्ग हवन और यज्ञ है। इस विधि से भगवान को सदियों पहले से ही हमारे ऋषि मुनि रिझाते हुए आये है।यज्ञ को अग्निहोत्र कहते हैं।अग्नि ही यज्ञ का प्रधान देवता है। हवन में डाली गई सामग्री प्रसाद सीधे हमारे आराध्य देवी देवताओं तक पवित्र अग्नि के माध्यम से जाता है।वैज्ञानिक तथ्यानुसार जहाॅ हवन होता है, उस स्थान के आस-पास रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु शीघ्र नष्ट हो जाते है।     मनुष्य जीवन में यज्ञ और हवन का बहुत महत्व बताया गया है।यज्ञ हवन से देवी देवताओं की पूजा अर्चना ही नही बल्कि हवन यज्ञ से प्रदूषित वातावरण को भी शुद्ध किया जाता।यज्ञ हवन भी एक चिकित्सा पद्धति मानी गयी और हवन यज्ञ के माध्यम से विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जाता है।    यज्ञोपैथी का पुराना वैदिक इतिहास है और जब चिकित्सा की अन्य पद्धतियां मौजूद नहीं थी तो.यज्ञ हवन आदि से ही वातावरण को बीमारी रहित बनाया जाता था।फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमें उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः

रामायण

🌹रामायण में भोग नहीं, त्याग है* *भरत जी नंदिग्राम में रहते हैं, शत्रुघ्न जी  उनके आदेश से राज्य संचालन करते हैं।* *एक रात की बात हैं,माता कौशिल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी। नींद खुल गई । पूछा कौन हैं ?* *मालूम पड़ा श्रुतिकीर्ति जी हैं ।नीचे बुलाया गया ।* *श्रुतिकीर्ति जी, जो सबसे छोटी हैं, आईं, चरणों में प्रणाम कर खड़ी रह गईं ।* *माता कौशिल्या जी ने पूछा, श्रुति ! इतनी रात को अकेली छत पर क्या कर रही हो बिटिया ? क्या नींद नहीं आ रही ?* *शत्रुघ्न कहाँ है ?* *श्रुतिकीर्ति की आँखें भर आईं, माँ की छाती से चिपटी, गोद में सिमट गईं, बोलीं, माँ उन्हें तो देखे हुए तेरह वर्ष हो गए ।* *उफ ! कौशल्या जी का ह्रदय काँप गया ।* *तुरंत आवाज लगी, सेवक दौड़े आए । आधी रात ही पालकी तैयार हुई, आज शत्रुघ्न जी की खोज होगी, माँ चली ।* *आपको मालूम है शत्रुघ्न जी कहाँ मिले ?* *अयोध्या जी के जिस दरवाजे के बाहर भरत जी नंदिग्राम में तपस्वी होकर रहते हैं, उसी दरवाजे के भीतर एक पत्थर की शिला हैं, उसी शिला पर, अपनी बाँह का तकिया बनाकर लेटे मिले। *माँ सिराहने बैठ गईं, बालों में* *हाथ

पितृ पक्ष

🙏🍁‼️  पितृ पक्ष - तालिका ‼️🍁🙏 पितृपक्ष पारंभ 02 सितम्बर से 17 सितम्बर तक, पूर्णिमा श्राद्ध - 2/9/20फ़ बुधवार। ▪प्रतिपदा श्राद्ध -    3/9/20  गुरुवार ▪द्वितीया श्राद्ध -     4/9/20  शुक्रवार ▪तृतीया श्राद्ध -       5/9/20  शनिवार ▪चतुर्थी श्राद्ध -        6/9/20  रविवार ▪पंचमी श्राद्ध -        7/9/20  सोमवार ▪षष्ठी श्राद्ध -           8/9/20  मंगलवार ▪सप्तमी श्राद्ध -       9/9/20  बुधवार ▪अष्टमी श्राद्ध -       10/9/20  गुरुवार ▪नवमी श्राद्ध -        11/9/20  शुक्रवार ▪दशमी श्राद्ध -        12/9/20  शनिवार ▪एकादशी श्राद्ध -    13/9/20  रविवार ▪द्वादशी श्राद्ध -       14/9/20 सोमवार ▪त्रयोदशी श्राद्ध -     15/9/20 मंगलवार ▪चतुर्दशी श्राद्ध -      16/9/20 बुधवार ▪अमावस श्राद्ध -     17/9/20 गुरुवार पितृपक्ष में भूलकर भी ना करें ये गलतियां, पितरों की आत्मा हो जाती है नाराज 1 पितृपक्ष में सनातन धर्म के लोग अपने पितरों की पूजा-अर्चना और पिंडदान करते हैं। इस बार पितृपक्ष 2 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 17 सितंबर तक चलेंगे। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण किए

उज्जैन

*उज्जैन स्वर्ग है क्यौ है  जानते हैं ?*     एक मात्र स्थान जहाँ शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुम्भ महापर्व का भी आयोजन किया जाता है ।  *यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है* "महाँकाल,कालभैरव, गढ़कालिका और अर्धकाल भैरव।"     *यहाँ तीन गणेश विराजमान है।*       "चिंतामन,मंछामन, इच्छामन" *यहाँ 84 महादेव है,यही सात सागर है।।*     "ये भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली है।।"     *ये मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान है।।*       "यही वो स्थान है जिसने महाकवी कालिदास दिए।"    *उज्जैन विश्व का एक मात्र स्थान है जहाँ अष्ट चरिंजवियो का मंदिर है,यह वह ८ देवता है जिन्हें अमरता का वरदान है (बाबा गुमानदेव हनुमान अष्ट चरिंजीवि मंदिर)*     "राजा विक्रमादित्य ने इस धरा का मान बढ़ाया।।"      *विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी!!*   "इसके शमशान को भी तीर्थ का स्थान प्राप्त है *चक्र तीर्थ* । और तो और पूरी दुनिया का *केंद्र बिंदु* _(Central Point)_ है महाकाल जी का मंदिर    _*महाभारत की एक कथानुसार उज्जैन स्वर्ग है।।*  _यदि आप भी *अवंतिका* एवं *कालों के

ढाई अक्षर

*शिवम् शरणम् गच्छामि* *शिवो वेदा वेदो शिवम्* *अक्षर ढाई ~ जिसमें बहुत कुछ बन्धु मेरे भाई~~~* *ज्ञान मार्ग जब,* *खोजने निकला,* *मार्ग मिला, अलबेला।* *जहां भी जाऊं,* *जिधर भी देखूं,* *मिले ढाई अक्षर, का मेला।* *सोचा इक पल,* *ध्यान लगा कर* *क्या होता है,* *अक्षर ढाई~~~* *आया मेरी,* *समझ में जो,* *बतलाता हूं,* *मैं वो बन्धु/भाई~~~* *रह जाता सब'* *ज्ञान अधूरा'* *जो ना मिलता,* *उत्तर बन्धु/भाई~~~* 🙏🏻🏵️🙏🏻 🌹🌹🌹 *ढाई अक्षर का वक्र,* *और ढाई अक्षर का तुण्ड।* *ढाई अक्षर की रिद्धि,* *और ढाई अक्षर की सिद्धि।* *ढाई अक्षर का शंभु,* *और ढाई अक्षर की अम्बा* *ढाई अक्षर का ब्रम्हा,* *और ढाई अक्षर की सृष्टि।* *ढाई अक्षर का विष्णु,* *और ढाई अक्षर की लक्ष्मी।* *ढाई अक्षर का कृष्ण,* *और ढाई अक्षर की कांता।* (राधा रानी का दूसरा नाम) *ढाई अक्षर की दुर्गा,* *और ढाई अक्षर की शक्ति।* *ढाई अक्षर की श्रद्धा,* *और ढाई अक्षर की भक्ति।* *ढाई अक्षर का त्याग,* *और ढाई अक्षर का ध्यान।* *ढाई अक्षर की तृप्ति,* *और ढाई अक्षर की तृष्णा।* *ढाई अक्षर का धर्म,* *और ढाई अक्षर का कर्म।* *ढाई अक्षर का भाग्य,* *और ढा