Posts

Showing posts from May, 2021

अक्षय तृतीया

आइए जानें अक्षय तृतीया का महत्व......!!!  शास्त्रों में अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य जैसे-विवाह, गृहप्रवेश, व्यापार अथवा उद्योग का आरंभ करना अति शुभ फलदायक होता है। सही मायने में अक्षय तृतीया अपने नाम के अनुरूप शुभ फल प्रदान करती है। अक्षय तृतीया पर सूर्य व चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहते हैं। इस वर्ष 2021 में अक्षय तृतीया 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को होगी। तो आइए जानें 25 बातों से अक्षय तृतीया का महत्व... 1.“न माधव समो मासो न कृतेन युगं समम्। न च वेद समं शास्त्रं न तीर्थ गंगयां समम्।।” वैशाख के समान कोई मास नहीं है, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं हैं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है। उसी तरह अक्षय तृतीया के समान कोई तिथि नहीं है। 2 .अक्षय तृतीया के विषय में मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है उसमें बरकत होती है। यानी इस दिन जो भी अच्छा काम करेंगे उसका फल कभी समाप्त नहीं होगा अगर कोई बुरा काम करेंगे तो उस काम का परिणाम भी कई जन्मों तक पीछा नहीं छोड़ेगा। 3. धरती पर भगवान विष्णु ने 24 रूपों में अ

महत्वपूर्ण

*एक पठनीय आलेख* *अगर आपको पढ़ने से एलर्जी न हो तो समय निकालकर जरूर पढे़ं।*   *विद्वान* और *विद्यावान* में अन्तर *What is the difference between higly qualified & well qualified person?*       *विद्वान* व *विद्यावान* में अंतर समझना हो तो *हनुमान जी व रावण के चरित्र के अंतर को समझना पडे़गा।* आइए शुरू करते हैं श्री हनुमान चालीसा से। *तुलसी दास जी ने हनुमान को विद्यावान कहा , विद्वान नहीं।* *विद्यावान गुनी अति चातुर।* *राम काज करिबे को आतुर*॥ अब प्रश्न उठता है कि *क्या हनुमान जी विद्वान नहीं थे* ? जब वे विद्वान नहीं थे तो *वे विद्यावान कैसे हुए* ?? दोस्तों , विद्वान और विद्यावान में वही अंतर है जो *हाइली क्वालिफाइड ( उच्च शिक्षित ) और वेल क्वालिफाइड* ( सुशिक्षित ) लोगों में है। इन दोनों में *बहुत ही बारीक लेकिन महत्वपूर्ण अन्तर है।* उदाहरणार्थ *रावण विद्वान है और हनुमानजी विद्यावान हैं।* रावण के बारे में कहा जाता है कि उसके दस सिर थे। दरअसल यह एक प्रतीतात्मक वर्णन है। *चार वेद और छह: शास्त्र दोनों मिलाकर दस होते हैं। इन्हीं को दस सिर कहा गया है। जिसके सिर में ये दसों भरे हों , वही दसशी