Posts

Showing posts from September, 2020

ढाई की महिमा

*शिवम् शरणम् गच्छामि* *शिवो वेदा वेदो शिवम्* *अक्षर ढाई ~ जिसमें बहुत कुछ बन्धु मेरे भाई~~~* *ज्ञान मार्ग जब,* *खोजने निकला,* *मार्ग मिला, अलबेला।* *जहां भी जाऊं,* *जिधर भी देखूं,* *मिले ढाई अक्षर, का मेला।* *सोचा इक पल,* *ध्यान लगा कर* *क्या होता है,* *अक्षर ढाई~~~* *आया मेरी,* *समझ में जो,* *बतलाता हूं,* *मैं वो बन्धु/भाई~~~* *रह जाता सब'* *ज्ञान अधूरा'* *जो ना मिलता,* *उत्तर बन्धु/भाई~~~* 🙏🏻🏵️🙏🏻 🌹🌹🌹 *ढाई अक्षर का वक्र,* *और ढाई अक्षर का तुण्ड।* *ढाई अक्षर की रिद्धि,* *और ढाई अक्षर की सिद्धि।* *ढाई अक्षर का शंभु,* *और ढाई अक्षर की अम्बा* *ढाई अक्षर का ब्रम्हा,* *और ढाई अक्षर की सृष्टि।* *ढाई अक्षर का विष्णु,* *और ढाई अक्षर की लक्ष्मी।* *ढाई अक्षर का कृष्ण,* *और ढाई अक्षर की कांता।* (राधा रानी का दूसरा नाम) *ढाई अक्षर की दुर्गा,* *और ढाई अक्षर की शक्ति।* *ढाई अक्षर की श्रद्धा,* *और ढाई अक्षर की भक्ति।* *ढाई अक्षर का त्याग,* *और ढाई अक्षर का ध्यान।* *ढाई अक्षर की तृप्ति,* *और ढाई अक्षर की तृष्णा।* *ढाई अक्षर का धर्म,* *और ढा

पितृ पक्ष

*#पितृ_श्राद्ध_आरम्भ* पूर्णिमा श्राद्ध - 2/9/20, बुधवार 1  प्रतिपदा श्राद्ध - 3/9/20 गुरुवार 2  द्वितीया श्राद्ध -  4/9/20  शुक्रवार 3 तृतीया श्राद्ध- 5/9/20 शनिवार 4  चतुर्थी श्राद्ध-6/9/20 रविवार 5  पंचमी श्राद्ध- 7/9/20 सोमवार 6 षष्ठी श्राद्ध-8/9/20 मंगलवार 7 सप्तमी श्राद्ध- 9/9/20 बुधवार 8 अष्टमी श्राद्ध-  10/9/20 गुरुवार 9 नवमी श्राद्ध- 11/9/20 शुक्रवार 10  दशमी श्राद्ध- 12/9/20 शनिवार 11  एकादशी श्राद्ध- 13/9/20 रविवार 12  द्वादशी श्राद्ध- 14/9/20 सोमवार 13  त्रयोदशी श्राद्ध- 15/9/20 मंगलवार 14  चतुर्दशी श्राद्ध- 16/9/20 बुधवार 15  सर्वपितृ अमावस श्राद्ध 17/9/20 गुरुवार *#घर_के_प्रेत_या_पितर_रुष्ट_होने_के_लक्षण_और_उपाय* ---------------------------------- बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत करती विस्तृत प्रस्तुति। पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने कोई ना कोई उपकार हमारे जीवन के लिए किया है मनुष्य लोक से ऊपर पितृ लोक है,पितृ लोक के ऊपर सूर्य लोक है एवं इस से भी ऊपर स

ब्राह्मण

*ब्राह्मण क्यों देवता ?* *नोट--*_कुछ आदरणीय मित्रगण कभी -कभी मजाक में या  कभी जिज्ञासा में,  कभी गंभीरता से  एक प्रश्न करते है कि_  *ब्राम्हण को इतना सम्मान क्यों दिया जाय या दिया जाता है ?*             _इस तरह के बहुत सारे प्रश्न  समाज के नई पिढियो के लोगो कि भी जिज्ञासा का केंद्र बना हुवा है ।_ _*तो आइये  देखते है हमारे  धर्मशास्त्र क्या कहते है इस विषय में----*_                              *शास्त्रीय मत* _पृथिव्यां यानी तीर्थानि तानी तीर्थानि सागरे ।_ _सागरे  सर्वतीर्थानि पादे विप्रस्य दक्षिणे ।।_ _चैत्रमाहात्मये तीर्थानि दक्षिणे पादे वेदास्तन्मुखमाश्रिताः  ।_ _सर्वांगेष्वाश्रिता देवाः पूजितास्ते तदर्चया  ।।_ _अव्यक्त रूपिणो विष्णोः स्वरूपं ब्राह्मणा भुवि ।_ _नावमान्या नो विरोधा कदाचिच्छुभमिच्छता ।।_ *•अर्थात पृथ्वी में जितने भी तीर्थ हैं वह सभी समुद्र में मिलते हैं और समुद्र में जितने भी तीर्थ हैं वह सभी ब्राह्मण के दक्षिण पैर में  है । चार वेद उसके मुख में हैं  अंग में सभी देवता आश्रय करके रहते हैं इसवास्ते ब्राह्मण को पूजा करने से सब देवों का पूजा होती है । पृथ्वी में ब्राह्मण ज