मिट्टी

*बाबा फरीद ने पंजाबी में क्या खूब कहा है* -

वेख फरीदा मिट्टी खुल्ली, *(कबर)*
मिट्टी उत्ते मिट्टी डुली; *(लाश)*

मिट्टी हस्से मिट्टी रोवे, *(इंसान)*
अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे *(जिस्म)*

ना कर बन्दया मेरी मेरी, *(पैसा)*
ना ऐह तेरी ना ऐह मेरी; *(खाली जाना)*

चार दिना दा मेला दुनिया, *(उम्र)*
फ़िर मिट्टी दी बन गयी ढेरी; *(मौत)*

ना कर एत्थे हेरा फेरी, *(पैसे कारन झुठ, धोखे)*

मिट्टी नाल ना धोखा कर तू, *(लोका नाल फरेब)*
तू वी मिट्टी मैं वी मिट्टी; *(इंसान)*

जात पात दी गल ना कर तू,
जात वी मिट्टी पात वी मिट्टी, *(पाखंड)*

*जात सिर्फ खुदा दी उच्ची,*                    
 *बाकी सब कुछ मिट्टी मिट्टी*।

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