हम कभी कभी किसी के भी बारे में सुनकर अपनी एक धारणा बना लेते हैं ।उसके बाद चाहे हमें कुछ भी कहा जाए वह धारणा सदा ही कायम रहती है, उसे परिवर्तित होने में बहुत समय लगता है, और उसके ...
मानवता को महर्षि मनु की देन लेखक- डॉ० सुरेन्द्र कुमार (मनुस्मृति भाष्यकार) 'मनुस्मृति नामक धर्मशास्त्र और संविधान के प्रणेता राजर्षि मनु 'स्वायम्भुव' न केवल भारत की, अपितु...