सत्य सनातन धर्म
सभी को नमस्कार आज एक ऐसी पोस्ट मिली है जिसे पढ़कर हम सभी को अपने हिंदुस्तानी होने पर गर्व महसूस होगा। इस पोस्ट में जो भी लिखा है वह सत्य है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिन शास्त्रों का ज्ञान हमें होना चाहिए ,जिस संस्कृति का, जिस संस्कृत का ज्ञान हमें होना चाहिए वह विदेशियों द्वारा हम तक पहुंच रहा है। हमारे ही ग्रंथ पढ़कर, उन पर शोध करके वे अनेकानेक प्रयोग कर रहे हैं और हम उनकी विद्वत्ता का, उनके परिश्रम का लोहा मान रहे हैं। जबकि परोक्ष में सत्य कुछ और है कि हमारे ऋषि-मुनियों ने यह सब कुछ कितने हजार साल पहले ही लिख दिया था तो उन्होंने कितना परिश्रम किया होगा? हम सभी के लिए, मानवता के लिए। कृपया विचार करें एवं अपने ज्ञान पर, अपने देश पर, अपने धर्म पर, अपनी संस्कृति पर गर्व करने का प्रयत्न करें। अपने आने वाली पीढ़ी को भी हिंदू संस्कृति को प्रणाम करना और उन्हें सच्चाई से अवगत कराने का प्रयत्न करें ताकि वे हिंदुस्तान को, उसकी सच्चाई को जान सके और ह्रदय से यह आत्मसात कर सके कि "मेरा भारत महान"🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 अधपकी इंग्लिश के साथ अपने आप को मॉर्डन समझ रहे हैँ ?😊 महर्षि अगस्त्