Posts

Showing posts from September, 2017

"परिणय"। गीत

"परिणय"  गीत आ जाओ मेरे साजन,  बनके करार दिल के रिश्ते हैं यह तन मन के,  आओ निभाएं मिलके,  आ जाओ मेरे साजन,  बनके करार दिल के..........                        1 मुझको बनाके अपना,  लाए जब अपन...

नारी सशशक्तिकरण

महिला जीवन और चुनौतियां नारी सशक्तिकरण परिचय जब  से सृष्टि की रचना हुई है, तब से ही शायद हम  नारी को सशक्त करने की बात सोच रहे हैं ।वह शायद इसलिए क्योंकि प्रकृति ने नारी को क...

वर्तमान समय में शिक्षक

वर्तमान समय में एक शिक्षक की भूमिका:- (विद्यार्थियों के संदर्भ में) वर्तमान युग है आधुनिकता का ,वैज्ञानिकता का, व्यस्तता का, अस्थिरता का, जल्दबाजी का। आज का विद्यार्थी जीवन ...