Posts

Showing posts from 2019

महाभारत में वर्णित विभिन्न शंख

महाभारत में वर्णित प्रसिद्ध शंख शंख का महत्त्व हम सभी जानते हैं। कहते हैं कि जहाँ तक शंख की ध्वनि जाती है वहाँ तक कोई नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर सकती। प्राचीन काल में शंख ना सिर्फ पवित्रता का प्रतीक था बल्कि इसे शौर्य का द्योतक भी माना जाता था। प्रत्येक योद्धा के पास अपना शंख होता था और किसी भी युद्ध अथवा पवित्र कार्य का आरम्भ शंखनाद से किया जाता था। महाभारत में भी हर योद्धा के पास अपना शंख था और कुछ के नाम भी महाभारत में वर्णित हैं। आइये कुछ प्रसिद्ध शंखों के बारे में जानें। - पाञ्चजन्य: ये श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध शंख था। जब श्रीकृष्ण और बलराम ने महर्षि सांदीपनि के आश्रम में शिक्षा समाप्त की तब उन्होंने गुरुदक्षिणा के रूप में अपने मृत पुत्र को माँगा। तब दोनों भाई समुद्र के अंदर गए जहाँ श्रीकृष्ण ने शंखासुर नामक असुर का वध किया। तब उसके मरने के बाद उसका शंख (खोल) शेष रह गया जो श्रीकृष्ण ने अपने पास रख लिया। वही पाञ्चजन्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस बारे में विस्तृत लेख बाद में धर्मसंसार पर प्रकाशित किया जाएगा। - गंगनाभ: ये गंगापुत्र भीष्म का प्रसिद्ध शंख था जो उन्हें उनकी माता गंगा से...

आरती "ओम जय जगदीश हरे"....के रचयिता

मैनें कुछ लोगों से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि प्रसिद्ध आरती "ओम् जय जगदीश हरे" के रचयिता कौन हैं?*   *एक ने जवाब दिया कि हर आरती तो पौराणिक काल से गाई जाती है!* *एक ने इस आरती को वेदों का एक भाग बताया!* *और एक ने कहा कि सम्भवत: इसके रचयिता अभिनेता-निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार हैं!* *"ओम् जय जगदीश हरे", आरती आज हर हिन्दू घर में गाई जाती है! इस आरती की तर्ज पर अन्य देवी देवताओं की आरतियाँ बन चुकी है और गाई जाती है!* *परंतु इस मूल आरती के रचयिता के बारे में काफी कम लोगों को पता है!* *इस आरती के रचयिता थे पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी.* *पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले जालंधर में स्थित फिल्लौर शहर में हुआ था.* *वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ तथा हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे!* *उनका विवाह सिख महिला महताब कौर के साथ हुआ था.* *बचपन से ही उन्हें ज्यौतिष और साहित्य के विषय में गहरी रूचि थी.* *उन्होनें वैसे तो किसी प्रकार की शिक्षा हासिल नहीं की थी परंतु उन्होंने सात साल की उम्र तक गुरुमुखी में पढ...

सत्य सनातन धर्म

सभी को नमस्कार आज एक ऐसी पोस्ट मिली है जिसे पढ़कर हम सभी को अपने हिंदुस्तानी होने पर गर्व महसूस होगा। इस पोस्ट में जो भी लिखा है वह सत्य है। सबसे  बड़ी विडंबना यह है कि जिन  शा...

पर्वाधिराज पर्युषण

हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित तीज, त्यौहार, रस्मे ,मान्यताएं, रीति रिवाज बहुत ही वैज्ञानिक और अपने आप में अनूठे रहे हैं। उन्होंने विज्ञान को धर्म के साथ जोड़ दिया ताकि धर्...

एक विचार

एक  अनुभव, एक विचार..... जीवन की सच्चाईयां इतिहास का हिस्सा होती है। बहुत सी घटनाएं ऐसी होती है जो एक शिक्षा बनकर कर लोगों के सामने आती है ।जीवन के अनुभव समय सीमा से परे होते हैं।...

श्रावण मास

श्रावण मास का शुभारंभ हो चुका है। सभी लोग इस मास  में भगवान शंकर की भक्ति बहुत ही शुद्ध चित्त और शांत मन से करते हैं। इस मास में अमरनाथ जी की यात्रा राखी पूर्णिमा के दिन समाप...