खजुराहो के मंदिर

खजुराहो के मंदिर की श्रृंखला में दूसरा मंदिर है विश्वनाथ मंदिर। इसमें भगवान विश्वनाथ यानी शिवलिंग रूप में विराजमान है। प्रत्येक मंडप में यहां बहुत सुंदर चित्रकारी और शिल्प कला, नक्काशी देखने को मिलती है ।नंदी मंडप में जब मैंने देखा तो नंदी जी की इसने विशाल प्रतिमा कि मन गदगद हो गया। बहुत सुंदर शांत वातावरण ऐसा लगता है जैसे ईश्वर का साक्षात्कार हो गया हो। यहां के मंदिरों की विशेषता यह है कि एक ही पत्थर के बनाए गए हैं और पता नहीं उन में कौन सी धातु मिलाई गई है कि अभी तक इतने मजबूत और चिकने है के सभी लोग, पर्यटक दांतो तले उंगली दबा लेते हैं। यहां की भव्यता सुंदरता देखते ही बनती है। मंदिर के कक्ष में जहां विश्वनाथ जी, की शिवलिंग की स्थापना है वहां पर रोशनी का इस तरह से प्रबंध किया गया है कि क्रॉस वेंटीलेशन के तहत बिना किसी रोशनी के अंदर आते ही शिवलिंग के दर्शन बहुत ही सुंदर प्रकार से हो जाते हैं क्योंकि दोनों तरफ की रोशनी शिवलिंग पर दिखाई देती है ।हर प्रकार के मंदिर के दरवाजे के बाहर अर्धचंद्र या सूर्य का बिंब पूर्ण गोला बनाया गया है। उसके दोनों तरफ शंख हैं। विश्वनाथ मंदिर के मंडप के ...