मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या


हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना विशेष महत्व होता है और लोग हर त्योहार को अधिकतर गंगा स्नान या दान करते मनाते हैं। आपको बता दें कि हिंदू पंचांग अनुसार इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी, 2022 को पड़ रही है। माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था, मनु से ही मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई है। 

साथ ही, कई पौराणिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र भी मिलता है कि इस दिन मौन धारण करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है, इसलिए इस अमावस्या का नाम मौनी अमावस है। विद्वान मानते हैं कि इस दिन स्नान-दान के साथ ही ध्यान करने से भक्तों को लाभ होता है। वहीं, अमावस्या के दिन पितृ तर्पण करने से भी लोगों पर विशेष कृपा बनी रहती है। क्योंकि इस दिन पितर को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान और दान की परंपरा है। अन्य अमावस्या की तुलना में मौनी अमावस्या पितृ दोष के मुक्ति पाने के लिए खास है। आइए जानते हैं अमावस्या के दिन कौन-कौन से उपाय करने चाहिए।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है वो जातक मौनी अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ तर्पण करें। साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ में जल डालें, माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की विशेष कृपा मिलती है। इसके अलावा, मान्यता है कि पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए जल में लाल फूल और काले तिल लें और पितरों को स्मरण करते हुए सूर्यदेव को ये जल चढ़ाएं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

चीटियों को खिलाएं आटा:
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष विद्यमान है और उनके घर में क्लेश रहती है तो वो जातक मौनी अमावस्या के दिन चीटियों को आटे में शक्कर मिलाकर खिलाएं, ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनोकामना भी पूरी होती है। मौनी अमावस्या के दिन जरुरतमंदों को काले तिल का लड्डू, तिल का तेल, कंबल, आंवला और काले वस्त्र दान स्वरूप दें। इससे पितृ दोष शांत होता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त गीता का सातवां अध्याय का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से कष्ट दूर होते हैं और पितर प्रसन्न होते हैं। साथ ही 5 ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए, ऐसा करने से पितृ आशीर्वाद देते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है।

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